ISKCON: जानिए इसका फुल फॉर्म, स्थापना, सिद्धांत और मिशन

Iskcon Full Form: दोस्तों, आपने Iskcon का नाम तो अवश्य सुना होगा, क्योंकि यह आजकल काफी चर्चा में है। Iskcon विभिन्न स्थानों पर मंदिरों का निर्माण कर रहा है और सनातन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहा है। लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं, जैसे Iskcon Full Form क्या है, Iskcon क्या है और Iskcon यह सब क्यों कर रहा है? यदि आप भी Iskcon के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। चलिए, शुरू करते हैं।

Iskcon का फूल फॉर्म | Iskcon Full form

Iskcon का फूल फॉर्म “International Society for Krishna Consciousness” है।

Iskcon क्या है? | What is ISKCON?

इस्कॉन का हिंदी में अर्थ है “कृष्ण चेतना के लिए प्रेरित करना है”। इसे आमतौर पर हरे कृष्ण आंदोलन के नाम से जाना जाता है। यह एक हिंदू धार्मिक संगठन है, जो गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत आता है। इस संगठन की मान्यताएँ और मूल्य संस्कृत ग्रंथ भगवद् गीता और श्रीमद्भागवतम (भागवत पुराण) पर आधारित हैं।

भक्ति योग परंपरा के ये ऐतिहासिक ग्रंथ हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजे जाते हैं। ये सिखाते हैं कि सभी जीवित प्राणियों का अंतिम लक्ष्य भगवान या भगवान कृष्ण के प्रति अपने प्रेम को पुनः जागृत करना है।

इस्कॉन के सदस्य या भक्त महामंत्र के रूप में भगवान के नामों का जप करते हैं, जो इस प्रकार है:

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे। वे इस मंत्र का जप अपने उद्धार और भगवान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए करते हैं।

Iskcon की स्थापना | Establishment of ISKCON

हमने पहले Iskcon का फूल फॉर्म जाना था, अब हम इस संगठन की स्थापना के बारे में जानते हैं।

International Society for Krishna consciousness की स्थापना 13 जुलाई 1966 को 57 वर्ष पहले न्यूयॉर्क शहर में हुई थी। Iskcon का गठन ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने किया था और बाद में इसे व्यापक रूप से फैलाया गया। Iskcon का मुख्यालय मायापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित है। Iskcon में 500 से अधिक प्रमुख केंद्र, मंदिर और गाँव के समुदाय, लगभग 100 सहकारी रेस्तरां, हजारों नामसंकीर्तन या स्थानीय संगठन, सामुदायिक परियोजनाओं की एक विविधता शामिल है।

इस संगठन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, धार्मिक जागरूकता, धार्मिक अध्ययन और शिक्षण है। Iskcon के सदस्य मंदिरों में भक्ति योग की परंपरा का अभ्यास करते हैं। International Society for Krishna consciousness के सदस्यों ने कई स्कूल, कॉलेज, भोजन वितरण, अस्पतालों और धार्मिक गतिविधियों की ऐसी परियोजनाएं आयोजित की हैं। ये धार्मिक गतिविधियाँ और परियोजनाएं भक्ति योग की प्रणाली के आधार पर कार्य करती हैं।

इस्कॉन के सिद्धांत | ISKCON principles

इस्कॉन के सिद्धांत बहुत ही सख्त होते हैं। उनका पालन सदस्यों द्वारा किया जाना चाहिए, जो समाज के उद्देश्यों को सफल बनाते हैं। इस्कॉन के सिद्धांतों को आध्यात्मिक जीवन का आधार माना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, धर्म के चार भाग या चरणों से प्रेरित होते हैं।

  • इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्स्कियसनेस का सदस्य या संबंधित कोई भी व्यक्ति जुआ नहीं खेल सकता।
  • इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्स्कियसनेस के सदस्यों को मछली और अंडे खाने की अनुमति नहीं है।
  • इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्स्कियसनेस के सदस्यों के लिए अंतराष्ट्रीय समाज में किसी भी प्रकार के नशे जैसे धूम्रपान, मदिरापान आदि की मनाही है।
  • इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्स्कियसनेस के सदस्य अवैध यौन संबंध नहीं बना सकते।
  • इस्कॉन के सिद्धांत इतने सख्त हैं कि पति-पत्नी सिर्फ बच्चों के प्रजनन के लिए ही संबंध स्थापित कर सकते हैं, अन्यथा नहीं।

इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्स्कियसनेस के चार नियम सिद्धांत धर्म के चार चरणों या भागों पर आधारित हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  • दया – मांसाहार वर्जित, अर्थात किसी भी निर्जीव पशु का भक्षण नहीं (लहसुन, प्याज भी नहीं).
  • तप – आत्मसंयम या कठोरता, किसी भी प्रकार का नशा नहीं (चाय, कॉफी भी नहीं).
  • सत्य (सत्यम) – सच्चाई, जुआ, शराब, आदि का सेवन नहीं।
  • शौच (सौकम) – अवैध संबंध/अन्य स्त्री व पुरुष के साथ संबंध नहीं, मन, शरीर, और व्यवहार में शुद्धता और स्वच्छता को प्रभावित करना।

इस्कॉन के मिशन | ISKCON’s Missions

इस्कॉन की मिशन को लेकर हमने पहले ही इस्कॉन का विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त किया है। यहाँ, हम इस मिशन को और संक्षेप में व्यक्त करेंगे:

  • इस्कॉन का मिशन है संकीर्तन आंदोलन को सिखाना और प्रोत्साहित करना। यह भगवान के पवित्र नाम का जप है।
  • इस्कॉन का मिशन है अंतर्राष्ट्रीय समाज के सदस्यों को सरल और प्राकृतिक जीवन की शिक्षा देना।
  • इस्कॉन का मिशन है आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन की तकनीकों का प्रसार करना।
  • इस्कॉन का मिशन है दुनिया भर में एकता और सद्भावना का प्रचार करना।
  • इस्कॉन का मिशन है कृष्णा चेतना और भावनामृत का प्रसार करना।
  • इस्कॉन का मिशन है समाज के सदस्यों को कृष्ण के करीब लाना और प्रत्येक आत्मा में भगवान कृष्ण की गुणवत्ता का संवेदनशीलता बढ़ाना।
  • इस्कॉन का मिशन है भगवान कृष्ण की पारलौकिक लीलाओं का एक पवित्र स्थान बनाना।

Iskcon का योगदान | ISKCON’s Contribution

ईश्कॉन का योगदान से भारत से बाहर विदेशों में हजारों महिलाओं को साड़ी और चंदन की बिंदी पहनते हुए और पुरुषों को धोती, कुर्ता और तुलसी की माला पहनते हुए देखा जा सकता है। कई लोगों ने मांसाहार को त्यागकर इस आंदोलन में शामिल हो लिया है। उन्होंने चाय, कॉफी, प्याज और लहसुन जैसी तामसिक पदार्थों का सेवन छोड़ दिया है और शाकाहारी भोजन की आदत डाली है। वे नियमित रूप से “हरे रामा, हरे कृष्णा” का जाप करते हैं। ईश्कॉन के अनुयायी और सदस्य भगवद गीता, हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

निष्कर्ष | Conclusion

दोस्तों, इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको ISKCON Full form के बारे में जानकारी मिली होगी। अगर आपको किसी भी तरह की कोई समस्या है तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में मैसेज करें, हम आपकी मदद के लिए उपलब्ध हैं। धन्यवाद।

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